एक बगिया माँ के नाम योजना 2025: महिलाओं को मिलेगा रोज़गार और पर्यावरण को मिलेगा सहारा, जानें आवेदन प्रक्रिया, पात्रता, लाभ और पूरी जानकारी।

 पृष्ठभूमि और प्रस्तावना (Introduction)

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने “जल गंगा संवर्धन अभियान” के समापन अवसर पर ‘एक बगिया माँ के नाम’ योजना की घोषणा की। यह योजना महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (MGNREGA) के अंतर्गत संचालित होगी और इसका उद्देश्य ग्रामीण स्व-सहायता समूह (SHG) की महिलाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देना है 



मध्यप्रदेश सरकार ने महिलाओं के सशक्तिकरण और पर्यावरण संवर्धन के लिए एक अनोखी योजना शुरू की है, जिसका नाम है “एक बगिया माँ के नाम”। इस योजना का उद्देश्य है – ग्रामीण महिलाओं को बगीचा लगाने के लिए सहायता देना, जिससे उनकी आय में वृद्धि हो और प्रदेश में हरियाली व पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिले।

 योजना के उद्देश्य (Objectives of Ek Bagiya Maa Ke Naam Yojana)

  • महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाना

  • गांवों में फलदार पौधारोपण को बढ़ावा देना

  • पर्यावरण को सुरक्षित रखना

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार का सृजन करना

  • जल संरक्षण और प्राकृतिक संसाधनों का विकास

 योजना की मुख्य विशेषताएँ (Key Features)

बिंदुजानकारी
लाभार्तीमहिला स्व-सहायता समूह एवं ग्रामीण महिलाएँ
लाभ
30 लाख से अधिक फलदार पौधे लगाए जाएंगे
भूमि30,000 एकड़ निजी भूमि
अनुदान राशिलगभग ₹1,000 करोड़
सुविधाएँपौधे, खाद, कंटीली तार की बाड़, पानी का टैंक
अवधि15 अगस्त से 15 सितंबर 2025 तक अभियान
निगरानीड्रोन और सैटेलाइट तकनीक से मॉनिटरिंग

 महिलाओं को क्या मिलेगा? (Benefits to Women)

  • बगीचे लगाने के लिए पौधे और खाद

  • कंटीली तार की फेंसिंग ताकि पशु नुकसान न पहुँचाएँ

  • 50,000 लीटर पानी का टैंक ताकि सिंचाई की दिक्कत न हो

  • बागवानी का प्रशिक्षण (Training)

  • अतिरिक्त आय का साधन और स्थायी रोजगार

पात्रता और आवेदन प्रक्रिया (Eligibility & Application)

  1. लाभार्थी महिला के पास 0.5 से 1 एकड़ भूमि होनी चाहिए।

  2. यदि महिला के नाम पर जमीन नहीं है, तो पति/पिता/ससुर की जमीन पर भी योजना का लाभ मिल सकता है।

  3. प्रत्येक ब्लॉक में कम से कम 100 महिलाओं का चयन किया जाएगा।

  4. आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन और ऐप आधारित होगी।

 योजना से होने वाले फायदे (Expected Impact)

  • महिलाओं की आर्थिक स्थिति मज़बूत होगी

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार बढ़ेगा

  • प्रदेश में हरियाली और पर्यावरण संरक्षण होगा।

  • खेती और बागवानी की आधुनिक तकनीक अपनाने का अवसर मिलेगा।

निष्कर्ष

“एक बगिया माँ के नाम” योजना मध्य प्रदेश सरकार द्वारा महिला सशक्तिकरण, पर्यावरण संरक्षण और ग्रामीण आजीविका को एक साथ जोड़ते हुए शुरू की गई एक अभिनव पहल है। यह न केवल महिलाओं को एक स्थायी आय का स्रोत देती है, बल्कि ग्रामीण समाज और पर्यावरण दोनों को लाभान्वित करती है। योजना का समयबद्ध और तकनीकी समर्पित ढांचा इसे प्रभावशाली बनाता है।


❓ FAQ – एक बगिया माँ के नाम योजना

Q1. “एक बगिया माँ के नाम” योजना क्या है?
👉 यह मध्यप्रदेश सरकार की योजना है जिसमें महिलाओं को फलदार बगीचे लगाने के लिए आर्थिक और तकनीकी सहायता दी जाएगी।

Q2. इस योजना का लाभ किसे मिलेगा?
👉 यह योजना महिला स्व-सहायता समूह और ग्रामीण महिलाओं के लिए है जिनके पास 0.5 से 1 एकड़ भूमि है।

Q3. इसमें क्या-क्या मिलेगा?
👉 पौधे, खाद, कंटीली तार, पानी का टैंक और बागवानी का प्रशिक्षण मिलेगा।

Q4. आवेदन कैसे करें?
👉 आवेदन ऑनलाइन होगा, इसके लिए विशेष ऐप और पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।

Q5. योजना कब से शुरू होगी?
👉 यह योजना 15 अगस्त 2025 से 15 सितंबर 2025 तक अभियान के रूप में लागू होगी।

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