म.प्र. भावांतर भुगतान योजना 2025 | किसानों को फसल का सही मूल्य कैसे मिलेगा?

म.प्र. भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana) – पूरी जानकारी हिंदी में

मध्य प्रदेश सरकार द्वारा भावांतर भुगतान योजना (Bhavantar Bhugtan Yojana) किसानों की आय को स्थिर रखने और उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) से कम भाव मिलने पर भुगतान का अंतर (भावांतर) देने के लिए शुरू की गई थी।



आइए इसे विस्तार से समझते हैं 👇


1. योजना का उद्देश्य (Objective)

कई बार किसान अपनी फसल को बाजार में समर्थन मूल्य (MSP) से कम दाम पर बेचते हैं, जिससे उन्हें नुकसान होता है।
भावांतर योजना का उद्देश्य है कि किसान को उसकी फसल का न्यायोचित मूल्य मिले — यानी अगर उसने अपनी फसल MSP से कम पर बेची है, तो सरकार उस अंतर की राशि सीधे उसके खाते में जमा करेगी।


2. योजना की शुरुआत

  • योजना की शुरुआत: अक्टूबर 2017

  • शुरूआत में यह योजना खरीफ फसलों (Soyabean, Maize, Moong, Groundnut, Til) आदि के लिए लागू की गई थी।

  • बाद में इसे रबी फसलों (Wheat, Gram, Lentil, Mustard) पर भी लागू किया गया।


3. योजना कैसे काम करती है (How It Works)

भावांतर योजना का प्रोसेस चार चरणों में होता है👇

🔹 (1) किसान पंजीकरण (Registration)

किसान को अपनी फसल का पंजीकरण MP e-Uparjan Portal या Krishi Upaj Mandi के माध्यम से कराना होता है।
पंजीकरण के समय किसान यह बताता है कि उसने कौन सी फसल बोई है और कितनी मात्रा में।

🔹 (2) बाजार मूल्य और MSP की तुलना

फसल कटाई के समय सरकार मंडी दरों का औसत (Model Rate) निकालती है और MSP (न्यूनतम समर्थन मूल्य) से तुलना करती है।

🔹 (3) भावांतर की गणना

अगर MSP > औसत मंडी मूल्य, तो दोनों के बीच का अंतर (Difference) = भावांतर राशि होती है।

उदाहरण:
अगर सोयाबीन का MSP ₹4000 प्रति क्विंटल है और मंडी का औसत भाव ₹3600 है,
तो भावांतर = 4000 - 3600 = ₹400 प्रति क्विंटल।

🔹 (4) भुगतान

सरकार किसान द्वारा बेची गई मात्रा के अनुसार भावांतर राशि सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर करती है।


4. पात्रता (Eligibility Criteria)

  • आवेदक मध्य प्रदेश का किसान होना चाहिए।

  • फसल राज्य सरकार द्वारा घोषित सूची में शामिल होनी चाहिए।

  • किसान के पास अपनी भूमि का रिकॉर्ड (खसरा/खतौनी) होना चाहिए।

  • फसल का पंजीकरण निर्धारित अवधि में किया जाना अनिवार्य है।

  • फसल को केवल मान्यता प्राप्त मंडी में बेचना होगा।


5. योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज़

आवश्यक दस्तावेज़विवरण
आधार कार्डपहचान प्रमाण
भूमि रिकॉर्ड / खसराभूमि स्वामित्व प्रमाण
बैंक पासबुकखाते में राशि ट्रांसफर हेतु
फसल पंजीयन रसीदMP e-Uparjan पोर्टल से
मोबाइल नंबरOTP व संपर्क हेतु

6. योजना से लाभ (Benefits of Scheme)

  • किसानों को बाजार में न्यूनतम मूल्य की गारंटी मिलती है।

  • फसल बेचने पर नुकसान नहीं होता।

  • सरकार द्वारा सीधे खाते में भुगतान।

  • किसानों को MSP के बराबर आय की सुरक्षा

  • कृषि आत्मनिर्भरता को बढ़ावा।


7. ऑनलाइन आवेदन कैसे करें (Apply Online Process)

1️⃣ 👉 mpeuparjan.nic.in पर जाएं।
2️⃣ “भावांतर भुगतान योजना” सेक्शन चुनें।
3️⃣ “किसान पंजीकरण” लिंक पर क्लिक करें।
4️⃣ अपना आधार नंबर, भूमि विवरण, बैंक जानकारी भरें।
5️⃣ फसल का चयन करें और आवेदन सबमिट करें।
6️⃣ आवेदन की स्थिति ट्रैक करने के लिए रजिस्ट्रेशन नंबर सुरक्षित रखें।


8. भावांतर की गणना का उदाहरण

फसलMSP (₹/क्विंटल)औसत बाजार भाव (₹/क्विंटल)भावांतर भुगतान (₹/क्विंटल)
सोयाबीन40003600400
मक्का17001500200
मूंग69756500475
सरसों54505100350

9. योजना से जुड़ी कुछ विशेष बातें

  • योजना से मध्य प्रदेश के 40 लाख से अधिक किसान लाभान्वित हुए।

  • सरकार ने हजारों करोड़ रुपये किसानों को भावांतर भुगतान के रूप में दिए।

  • यह योजना प्रधानमंत्री फसल मूल्य समर्थन योजना (PM-AASHA) के तहत एक मॉडल बनी।


10. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)

Q1. भावांतर भुगतान योजना किन फसलों पर लागू है?
👉 सोयाबीन, मक्का, मूंग, तुअर, उड़द, चना, मसूर, सरसों, गेहूं आदि।

Q2. क्या किराए की जमीन पर खेती करने वाले किसान आवेदन कर सकते हैं?
👉 हां, यदि उनके पास भूमि किराया अनुबंध या फसल स्वामित्व का प्रमाण है।

Q3. भुगतान कब मिलता है?
👉 फसल बिक्री के बाद, सत्यापन पूरा होने पर 30–45 दिन में राशि किसान खाते में आती है।

Q4. योजना की वेबसाइट कौन सी है?
👉 https://mpeuparjan.nic.in/


📌11. निष्कर्ष

म.प्र. भावांतर भुगतान योजना किसानों के लिए एक आर्थिक सुरक्षा कवच है।
यह न केवल किसानों को न्यायोचित मूल्य दिलाती है, बल्कि बाजार की अस्थिरता से बचाव भी करती है।

योजना का लक्ष्य है – “किसान की फसल का पूरा मूल्य, हर हाल में किसान के हाथ।” 

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