बकरी पालन के लिए सरकार दे रही है 70% की सब्सिडी,क्या है पात्रता ,कैसे करे आवेदन ,जाने पूरी जानकारी ।

 

बकरी पालन के लिए सरकार दे रही है 70% की सब्सिडी

BAKARI PALAN YOJANA 2025


भारत में बकरी पालन को हमेशा से एक लाभदायक व्यवसाय माना गया है। ग्रामीण क्षेत्रों में छोटे किसानों और पशुपालकों के लिए यह आय का एक प्रमुख स्रोत है। अब सरकार ने बकरी पालन को प्रोत्साहित करने के लिए 70% तक की सब्सिडी देने की घोषणा की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करना, ग्रामीण बेरोजगारी को कम करना और दूध, मांस तथा बकरी के अन्य उत्पादों की बढ़ती मांग को पूरा करना है।


बकरी पालन पर सरकार की नई योजना क्या है?

भारत सरकार और विभिन्न राज्य सरकारें पशुपालन विभाग के माध्यम से बकरी पालन करने वालों को 70% तक की आर्थिक सहायता (सब्सिडी) प्रदान कर रही हैं। इस योजना के तहत लाभार्थी को केवल 30% लागत वहन करनी होगी, जबकि शेष राशि सरकार वहन करेगी। यह योजना प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (PMEGP), राष्ट्रीय कृषि विकास योजना (RKVY) और नाबार्ड (NABARD) द्वारा संचालित पशुपालन योजना के अंतर्गत लागू की जा रही है।


बकरी पालन में सब्सिडी का लाभ किसे मिलेगा?

सरकार द्वारा दी जाने वाली सब्सिडी मुख्य रूप से निम्नलिखित लाभार्थियों को मिलेगी:

  • छोटे एवं सीमांत किसान

  • ग्रामीण बेरोजगार युवा

  • महिलाएं और स्वयं सहायता समूह (SHG)

  • अनुसूचित जाति/जनजाति वर्ग

  • पशुपालन क्षेत्र में नए उद्यमी


बकरी पालन व्यवसाय शुरू करने पर कितनी लागत आती है?

बकरी पालन शुरू करने की लागत बकरियों की संख्या और नस्ल पर निर्भर करती है। सामान्यतः:

  • 10 बकरियों और 1 बकरे का छोटा यूनिट शुरू करने पर लगभग 1.5 से 2 लाख रुपये की लागत आती है।

  • 20-25 बकरियों और 2-3 बकरों का मध्यम स्तर का फार्म शुरू करने पर 3 से 5 लाख रुपये का खर्च आता है।

  • बड़े पैमाने पर बकरी पालन (100+ बकरियां) करने पर लागत 15-20 लाख रुपये तक हो सकती है।

इस लागत का 70% हिस्सा सरकार सब्सिडी के रूप में देती है, जिससे किसान और पशुपालक पर आर्थिक बोझ काफी हद तक कम हो जाता है।


बकरी पालन के लिए लोन और सब्सिडी कैसे मिलेगी?

  1. इच्छुक व्यक्ति को नजदीकी बैंक या नाबार्ड अधिकृत वित्तीय संस्था में आवेदन करना होगा।

  2. बैंक से पशुपालन लोन स्वीकृत होगा।

  3. सरकार की ओर से 70% तक सब्सिडी सीधे लाभार्थी के लोन खाते में जमा कर दी जाएगी।

  4. शेष राशि किसान/लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होगी।


बकरी पालन में लाभकारी नस्लें

बकरी पालन के लिए कुछ नस्लें सबसे अधिक दूध और मांस उत्पादन के लिए प्रसिद्ध हैं। इन पर सरकार भी अधिक जोर देती है।

  • बीटल बकरी – पंजाब और हरियाणा में लोकप्रिय, दूध उत्पादन में उत्तम।

  • बरबरी बकरी – उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में प्रसिद्ध, कम लागत में अधिक उत्पादन।

  • जमनापरी बकरी – बड़ी नस्ल, मांस और दूध दोनों के लिए श्रेष्ठ।

  • सोझी बकरी – राजस्थान की प्रमुख नस्ल।

  • सिरोही बकरी – तेज़ी से वजन बढ़ाने वाली नस्ल।


बकरी पालन के फायदे

  • कम निवेश और अधिक लाभकारी व्यवसाय।

  • दूध, मांस और खाल से अतिरिक्त आय।

  • ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के नए अवसर।

  • महिला सशक्तिकरण और आत्मनिर्भरता।

  • बकरियों की देखभाल आसान होती है।

  • तेज़ी से बढ़ती घरेलू और अंतरराष्ट्रीय मांग।


बकरी पालन योजना में आवेदन की प्रक्रिया

सरकार की इस योजना का लाभ उठाने के लिए निम्नलिखित प्रक्रिया अपनानी होगी:

  1. नजदीकी पशुपालन विभाग या कृषि विभाग में संपर्क करें।

  2. ऑनलाइन पोर्टल (राज्य सरकार/नाबार्ड) पर आवेदन करें।

  3. सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करें।

  4. बैंक द्वारा लोन स्वीकृत होने के बाद, सरकार द्वारा सब्सिडी प्रदान की जाएगी।


आवश्यक दस्तावेज़

  • आधार कार्ड

  • बैंक खाता पासबुक

  • निवास प्रमाण पत्र

  • जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो)

  • पासपोर्ट साइज़ फोटो

  • बकरी पालन परियोजना रिपोर्ट (बैंक हेतु)


सब्सिडी प्रतिशत और वर्गवार लाभ

  • सामान्य वर्ग: 40% सब्सिडी

  • SC/ST वर्ग: 60-70% सब्सिडी

  • महिलाएं और स्वयं सहायता समूह: 70% तक की सब्सिडी


निष्कर्ष

सरकार द्वारा शुरू की गई यह योजना ग्रामीण किसानों और युवाओं के लिए आय का बड़ा साधन बन सकती है। 70% तक की सब्सिडी मिलने से बकरी पालन का व्यवसाय बेहद आसान और लाभकारी हो जाता है। यदि सही नस्ल और आधुनिक तरीके अपनाए जाएं तो किसान और पशुपालक बहुत कम समय में अच्छी आय प्राप्त कर सकते हैं।

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