बैकयार्ड कुक्कुट विकास योजना 2025
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मुर्गी पालन योजना 2025 |
बैकयार्ड कुक्कुट विकास योजना क्या है?
ग्रामीण क्षेत्रों में आजीविका और पोषण सुधारने के लिए सरकार ने बैकयार्ड कुक्कुट विकास योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत गरीब और छोटे किसान परिवारों को बैकयार्ड किस्म की मुर्गियां दी जाती हैं।
इनसे घर पर ही अंडे और मांस की उपलब्धता बढ़ती है और साथ ही परिवारों को अतिरिक्त आय का साधन मिलता है।
यह योजना महिलाओं और स्व-सहायता समूहों को विशेष लाभ देती है।
कम लागत में अधिक लाभ होने के कारण यह ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाती है।
योजना की मुख्य विशेषताएं
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20–50 टीकाकृत (Vaccinated) बैकयार्ड मुर्गियां लाभार्थियों को दी जाती हैं
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मुर्गियों की उम्र 4–6 सप्ताह होती है
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कुक्कुट नस्लें जैसे वनराजा, ग्राम प्रिया, कड़कनाथ, अशोका आदि उपलब्ध कराई जाती हैं
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प्रशिक्षण और तकनीकी सहयोग मुफ्त मिलता है
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कुक्कुट शेड बनाने के लिए सहायता राशि भी दी जाती है
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अंडा और मांस उत्पादन से नियमित आय का अवसर
पात्रता मानदंड
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ग्रामीण क्षेत्रों के बीपीएल परिवार प्राथमिकता पर
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महिला लाभार्थियों और SC/ST वर्ग को विशेष प्राथमिकता
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छोटे किसान और बेरोजगार युवा
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पहले से बड़े पैमाने पर पोल्ट्री फार्म चलाने वाले इसमें शामिल नहीं हो सकते
आवश्यक दस्तावेज़
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आधार कार्ड
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राशन कार्ड या बीपीएल प्रमाण पत्र
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निवास प्रमाण पत्र
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बैंक पासबुक
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पासपोर्ट साइज फोटो
आवेदन प्रक्रिया
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इच्छुक लाभार्थी अपने ग्राम पंचायत, पशुपालन विभाग या जिला पशुपालन अधिकारी कार्यालय में संपर्क करें।
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निर्धारित आवेदन फॉर्म भरें और आवश्यक दस्तावेज़ संलग्न करें।
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पात्रता की जांच के बाद लाभार्थी का चयन किया जाएगा।
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चयनित लाभार्थियों को सब्सिडी पर मुर्गियां और प्रशिक्षण दिया जाएगा।
योजना के लाभ और फायदे
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घर पर ही अंडे और मांस की उपलब्धता
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महिलाओं की आर्थिक स्थिति में सुधार
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बच्चों को बेहतर पोषण
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बेरोजगारी कम करने में मदद
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ग्रामीण गरीब परिवारों की आय में बढ़ोतरी
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कम लागत में अधिक लाभ का अवसर
निष्कर्ष
बैकयार्ड कुक्कुट विकास योजना 2025 ग्रामीण परिवारों के लिए एक बेहतरीन अवसर है।
इससे न केवल पोषण सुरक्षा मिलती है बल्कि परिवारों की आर्थिक स्थिति भी मजबूत होती है।
यदि आप ग्रामीण क्षेत्र से हैं और छोटे पैमाने पर व्यवसाय करना चाहते हैं तो यह योजना आपके लिए उपयोगी है।
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